
पुणे-जैन कनेक्ट संवाददाता | इंद्रायणी नदी के शांत तट पर स्थित ‘आभय प्रभावना’ न सिर्फ पुणे का बल्कि विश्व के सबसे बड़े जैन संग्रहालयों में से एक है। यह आधुनिक और इंटरेक्टिव संग्रहालय जैन दर्शन, भारतीय मूल्यों और नैतिक जीवन के सिद्धांतों को कला और तकनीक के माध्यम से जीवंत करता है। यह संग्रहालय न केवल देखने का स्थान है बल्कि यह आत्ममंथन और जीवनमूल्य समझने का केंद्र भी है।
✅ विशाल परिसर संग्रहालय 50 एकड़ भूमि पर फैला है और 3.5 लाख वर्गफुट में प्रदर्शनी क्षेत्र है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा जैन संग्रहालय बनाता है।
🏛️ आधुनिक इंटरेक्टिव अनुभव यह पारंपरिक संग्रहालयों से अलग है। यहां आधुनिक तकनीक, कला और कहानियों के माध्यम से जैन दर्शन को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
🧑💼 दृष्टा – आभय फिरोदिया इस संग्रहालय के पीछे प्रमुख प्रेरणा आभय फिरोदिया हैं। इसे ‘अमर प्रेरणा ट्रस्ट’ द्वारा विकसित किया गया, जिसकी स्थापना श्री नवलमल कुंदनमल फिरोदिया ने 1991 में की थी।
🌱 जीवनमूल्य की शिक्षा संग्रहालय का उद्देश्य हर उम्र के लोगों को अहिंसा, अपरिग्रह और करुणा जैसे जीवनमूल्यों से परिचित कराना है।
🎨 350 से अधिक कलाकृतियां यहां 30 हाई-टेक दीर्घाओं में 350 से अधिक विशेष कलाकृतियां जैन और भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांतों को दर्शाती हैं।
📜 चार प्रमुख खंड संग्रहालय को चार भागों में बांटा गया है – टाइमलेस विज़डम, कल्चर एंड हिस्ट्री, पाथ टू हैप्पीनेस और इटरनल स्ट्रीम ऑफ इंडिक वैल्यूज।
🗿 मानस्तंभ टॉवर यहां 100 फीट ऊँचा मानस्तंभ टॉवर है, जो जैसलमेर पत्थर से बना है और जैन जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है।
🪷 ऋषभदेव प्रतिमा 43 फीट ऊँची आर्ट-डेको शैली की ऋषभदेव प्रतिमा भी यहां का आकर्षण है, जो उनके बच्चों – ब्राह्मी, सुंदरि, भरत और बाहुबली के योगदान को भी दर्शाती है।
🌳 प्लाज़ा ऑफ इक्वेनिमिटी यहां एक सरवतभद्र प्रतिमा के साथ एक मंदिरनुमा ओपन एयर स्पेस भी है, जो शांति का अनुभव कराता है।
🚶♂️ ओपन-एयर हेरिटेज वॉक 320 मीटर लंबा यह हेरिटेज वॉक आठ हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और इसमें 24 तीर्थंकरों को समर्पित बोनसाई उद्यान भी है।
आभय प्रभावना केवल एक संग्रहालय नहीं बल्कि जैन दर्शन, भारतीय संस्कृति और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत संगम है, जो आने वाली पीढ़ियों को नैतिक जीवन के महत्व को समझने में मार्गदर्शन करता है।
Source : Times Now
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