नागपुर–जैन कनेक्ट संवाददाता | लोकमत मीडिया ग्रुप के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, पूर्व सांसद और सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित डॉ. विजय दर्डा को तिरुपति स्थित मोहन बाबू विश्वविद्यालय द्वारा D.Litt (डॉक्टर ऑफ लेटर्स) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें पत्रकारिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शिक्षा और लोकतांत्रिक सुधारों में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया। दीक्षांत समारोह में देश के प्रतिष्ठित नेताओं, शिक्षाविदों और सांस्कृतिक हस्तियों की उपस्थिति रही।
📜 पत्रकारिता के पांच दशकों की सेवा को मिला सम्मान डॉ. विजय दर्डा को यह उपाधि उनके पत्रकारिता क्षेत्र में 50 वर्षों से अधिक के योगदान और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनके समर्पण को मान्यता देते हुए दी गई।
👤 दीक्षांत समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में प्रफुल्ल पटेल पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल समारोह के मुख्य अतिथि रहे, जिन्होंने डॉ. दर्डा को सम्मानित किया।
🏛️ मोहन बाबू और विश्वविद्यालय प्रशासन की उपस्थिति समारोह में विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. मोहन बाबू, प्रो-चांसलर विष्णु मांचू, और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
🎶 पद्मश्री शिवमणि की सांस्कृतिक उपस्थिति प्रसिद्ध वाद्य यंत्र विशेषज्ञ पद्मश्री शिवमणि की उपस्थिति ने समारोह को सांस्कृतिक गरिमा प्रदान की।
🗣️ सम्मान स्वीकारते हुए भावुक उद्बोधन डॉ. दर्डा ने अपने संबोधन में इस सम्मान को लोकमत ग्रुप के संस्थापक जवाहरलाल दर्डा की पत्रकारिता की निर्भीक परंपरा को समर्पित किया।
📚 शिक्षा और पत्रकारिता को बताया परिवर्तन का आधार उन्होंने कहा कि शिक्षा और पत्रकारिता समाज को दिशा देने वाले दो मजबूत स्तंभ हैं, जो राष्ट्रीय सशक्तिकरण के वाहक बनते हैं।
🎓 हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुभव साझा किए अपने अध्ययन काल में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की यात्रा का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि शिक्षा अज्ञानता से मुक्ति दिलाकर शांति का मार्ग प्रशस्त करती है।
💡 युवाओं को नवाचार और जोखिम उठाने की प्रेरणा डॉ. दर्डा ने युवाओं को संदेश दिया कि वे नवाचार को अपनाएं, जोखिम लेने से न डरें और असफलता से सीखकर आगे बढ़ें।
🤖 AI को अपनाने की सलाह उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मानवों की जगह नहीं लेगा, पर जो लोग इसे नहीं समझते वे पीछे छूट जाएंगे। इसलिए AI को अपनाना जरूरी है।
🇮🇳 सत्य, लोकतंत्र और राष्ट्रसेवा के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने सत्यनिष्ठा, लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रसेवा के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई और विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त किया।
डॉ. विजय दर्डा को मिला यह सम्मान न केवल उनकी पत्रकारिता की निर्भीक परंपरा का मूल्यांकन है, बल्कि यह उन मूल्यों का सम्मान भी है जो लोकतंत्र और शिक्षा के सशक्त स्तंभ बनते हैं। यह सम्मान युवाओं के लिए प्रेरणा है कि वे नवाचार, सत्य और जनसेवा के पथ पर अग्रसर रहें।
Source : Dainik Lokmat

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