संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में डॉ. अर्पित चोपड़ा जैन को मिला ‘ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड’

नई दिल्ली-जैन कनेक्ट संवाददाता | भारत के वैकल्पिक चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी डॉ. अर्पित चोपड़ा जैन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और गौरव हासिल किया है। उन्हें 9 जून 2025 को अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित ‘यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड’ समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में आमंत्रित किया गया। यह भव्य आयोजन यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल पीस काउंसिल द्वारा प्रतिष्ठित मार्टिनिक न्यूयॉर्क ऑन ब्रॉडवे होटल में संपन्न हुआ।

👇 इस गौरवशाली अवसर की प्रमुख झलकियाँ इस प्रकार रहीं :

🏅 गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में सम्मानित डॉ. अर्पित चोपड़ा जैन को यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।

🌐 अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन में सराहना इंटरनेशनल पीस कॉन्क्लेव में वैश्विक सहयोग, शांति व सामाजिक विकास में उनके योगदान को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

📜 संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रशस्ति पत्र उन्हें संयुक्त राष्ट्र संवाददाता व ग्लोबल अफेयर्स एनालिस्ट द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा पत्र भेंट किया गया।

🧬 वैकल्पिक चिकित्सा को अंतरराष्ट्रीय मंच इस सम्मान से भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली।

🇮🇳 भारत के लिए गर्व का क्षण डॉ. जैन की उपलब्धि ने भारत को चिकित्सा व शांति के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया।

🧘 स्वास्थ्य और समाज कल्याण में योगदान उनका कार्य न केवल चिकित्सा जगत, बल्कि समाज निर्माण व जनकल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय है।

🤝 वैश्विक सहयोग का संदेश उन्होंने अपने भाषण में विभिन्न देशों के बीच सहयोग, शांति और समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया।

🏨 भव्य आयोजन स्थल पर हुआ सम्मान न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित मार्टिनिक ब्रॉडवे होटल में यह समारोह भव्यता से संपन्न हुआ।

🌍 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की उपस्थिति कार्यक्रम में दुनियाभर के शांति दूत, वैज्ञानिक, और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

📈 युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा डॉ. जैन की यह उपलब्धि नई पीढ़ी को सेवा, समर्पण और नवाचार की प्रेरणा देती है।

डॉ. अर्पित चोपड़ा जैन को मिले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान ने न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को मान्यता दी, बल्कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली और सामाजिक दृष्टिकोण को भी वैश्विक प्रतिष्ठा प्रदान की है। यह उपलब्धि भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।

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