
हस्तिनापुर – जैन कनेक्ट संवाददाता | जैन धर्म की ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर में श्री आदिवीर विद्याश्री अंतरराष्ट्रीय चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के तीसरे दिन प्रभु मज्जिनेंद्र आदिवीर के जन्म कल्याणक की भव्य दिव्य क्रियाएं संपन्न हुईं। मुनि वसुनंदी महाराज के सानिध्य में नित्य-नियम पूजन, जलाभिषेक और शोभायात्रा जैसे पावन अनुष्ठानों ने पूरे क्षेत्र को धर्ममय बना दिया।
🔹 नीचे पढ़ें इस अलौकिक आयोजन की प्रमुख झलकियां :
🐘 ऐरावत पर आरूढ़ प्रभु की शोभायात्रा प्रभु बालक की शोभायात्रा ऐरावत हाथी, घोड़ों, इंद्रध्वज और बग्गियों के साथ निकाली गई, जिसने नगर का धार्मिक वातावरण उत्सवमय कर दिया।
🛕 पांडुकशिला पर हुआ जलाभिषेक मुनि वसुनंदी महाराज के मार्गदर्शन में तीर्थंकर बालक का जलाभिषेक पांडुकशिला पर विधिपूर्वक संपन्न हुआ।
🎉 भगवान की प्रतिमा की प्रतिष्ठा जलाभिषेक के बाद वेदी पर प्रभु की प्रतिमा की स्थापना की गई, जिसमें श्रावकों का विशेष सहयोग रहा।
👨👩👧 माता-पिता बनने का सौभाग्य रमेश चंद जैन, मनोरमा जैन सहित कई श्रद्धालुओं को प्रभु के माता-पिता व सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
🎼 बैंड बाजे और झांकियों से सजी यात्रा शोभायात्रा में ढोल, बैंडबाजे, नृत्य दल और झांकियों ने जन्म कल्याणक की दिव्यता को और भव्य बना दिया।
🏰 नगर परिक्रमा में उमड़ा जनसैलाब हस्तिनापुर के प्रमुख मार्गों से निकली शोभायात्रा में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।
👑 इंद्र और इंद्राणी की विशेष प्रस्तुति सौधर्म इंद्र और शची इंद्राणी बग्गियों में प्रभु बालक के साथ नगर भ्रमण पर निकले, जिसे श्रद्धालुओं ने श्रद्धा से देखा।
💰 कुबेर ने रत्नों की वर्षा से किया स्वागत शोभायात्रा के दौरान धनपति कुबेर द्वारा रत्नों की वर्षा के प्रतीक दृश्य प्रस्तुत किए गए।
🕊️ अहिंसा परमो धर्म का संदेश रैली में “अहिंसा परमो धर्म” जैसे बैनरों ने जैन धर्म के मूल सिद्धांतों का प्रचार किया।
🏁 शोभायात्रा का समापन आश्रम पर नगर परिक्रमा के उपरांत शोभायात्रा श्री आदिवीर विद्याश्री आश्रम पहुंचकर संपन्न हुई।
यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह जैन संस्कृति की भव्यता, समर्पण और आध्यात्मिक ऊर्जा का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा। हस्तिनापुर की पावन भूमि पर श्रद्धालुओं ने प्रभु के जन्मकल्याणक को ऐतिहासिक बनाते हुए धर्म का अनुपम उत्सव मनाया।
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