जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा चूरू की नई कार्यकारिणी ने ली शपथ

चूरू – जैन कनेक्ट संवाददाता | चूरू स्थित तेरापंथ भवन में गुरुवार को एक गरिमामय माहौल में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा की नवगठित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। साध्वी मंगलप्रभा ठाणा के सानिध्य और संत-गुरुओं की पावन उपस्थिति में नव नियुक्त पदाधिकारियों को समाज हित में कार्य करने की शपथ दिलाई गई। समारोह का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण एवं महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण के साथ हुआ।

🔔 नवगठित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण सभा की नई टीम ने पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की, जिसमें अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष सहित अन्य सदस्य शामिल रहे।

🙏 साध्वी मंगलप्रभा का सानिध्य समारोह का नेतृत्व साध्वी मंगलप्रभा ने किया, जिन्होंने सभी नवनिर्वाचितों को धर्म और संघ हित में कार्य करने की प्रेरणा दी।

🗳️ चुनाव अधिकारियों का सम्मान निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाने के लिए चुनाव अधिकारी ताराचंद बांठिया व सुरेंद्र कोठारी का आभार जताया गया।

🎶 साध्वी समप्रभा द्वारा गीत प्रस्तुति कार्यक्रम में साध्वी समप्रभा ने एक प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत कर समस्त उपस्थितजनों को भावविभोर कर दिया।

🎤 नमस्कार महामंत्र से हुई शुरुआत समारोह की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के पावन उच्चारण से की गई, जिससे संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक बन गया।

👥 समाजजनों की गरिमामयी उपस्थिति समारोह में डॉ. एमएल श्यामसुखा, रचना कोठारी, एडवोकेट गुलाब नबी गौरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

🗣️ राजेश बांठिया ने संभाला मंच संचालन कार्यक्रम का संचालन राजेश बांठिया ने अत्यंत कुशलता से करते हुए सभी गतिविधियों को सहजता से प्रस्तुत किया।

🫱 निवर्तमान अध्यक्ष ने दिलाई शपथ पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र कोठारी ने अपने उत्तराधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपते हुए पद की शपथ दिलाई।

📜 संघ और समाज सेवा की प्रेरणा साध्वीजी ने नई टीम को गुरुदृष्टि में रहते हुए समर्पण भाव से समाज सेवा करने का संदेश दिया।

🌸 मंगलाचरण से सजी शुरुआत महिला मंडल की ओर से प्रस्तुत मंगलाचरण ने समारोह को भक्ति और आस्था से ओतप्रोत कर दिया।

कार्यक्रम के अंत में साध्वी मंगलप्रभा द्वारा दी गई प्रेरणा ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को संघ, समाज और धर्म के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन तेरापंथ धर्मसंघ की जीवंतता और अनुशासन की पहचान बनकर सामने आया।

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