सड़क हादसे में आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर का देवलोकगमन

पाली-जैन कनेक्ट संवाददाता | राजस्थान के पाली जिले से बुधवार सुबह एक हृदयविदारक घटना सामने आई जब शिवपुरा थाना क्षेत्र के जाडन हाईवे पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने जैन संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर को टक्कर मार दी। विहार करते समय हुए इस हादसे में संत की मौके पर ही मृत्यु हो गई। संत की असामयिक निधन की खबर से पूरे जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।

🛣️ तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर जाडन हाईवे पर सुबह 6:30 बजे एक अनियंत्रित ट्रक ने विहार कर रहे जैन संत को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई।

🏥 अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने किया मृत घोषित घटना के तुरंत बाद संत को बांगड़ हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

🛐 धार्मिक यात्रा के दौरान हादसा संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर अपने अनुयायियों के साथ पाली की ओर विहार कर रहे थे। उन्हें 1 जून को मानपुरा भाकरी में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेना था।

🚨 ट्रक चालक की गिरफ्तारी हादसे के बाद ट्रक चालक टोल नाके का गेट तोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने पीछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया और ट्रक जब्त कर लिया।

👥 जैन समाज में शोक की लहर जैसे ही संत के निधन की खबर फैली, बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग आत्म वल्लभ समुद्र विहार में उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

🔥 गुरुवार को होगा अंतिम संस्कार संत आचार्य का अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह किया जाएगा। वे 18 वर्ष पूर्व दीक्षित हुए थे और समाज में अत्यंत श्रद्धेय माने जाते थे।

🧎 नेताओं और प्रशासन का दुख व्यक्त पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा समेत प्रशासनिक अधिकारी भी संत की पार्थिव देह के दर्शन को पहुंचे और गहरा शोक जताया।

📍 समुद्र विहार में अंतिम दर्शन की व्यवस्था संत की पार्थिव देह को आत्म वल्लभ समुद्र विहार में दर्शनार्थ रखा गया, जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

📋 पुलिस कार्रवाई शुरू संतगणों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

🙏 जैन संत की पुण्य स्मृति संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर ने अपने जीवन को अध्यात्म और सेवा में समर्पित किया था। उनके निधन से समाज ने एक महान संत को खो दिया है।

इस दुखद घटना ने सम्पूर्ण जैन समाज को शोकग्रस्त कर दिया है। आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर का जीवन संयम, साधना और समर्पण का प्रतीक रहा है। प्रशासन की ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

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