चित्तौड़गढ़ में श्रावक-श्राविकाओं ने किया पैसठिया छंद जाप

चित्तौड़गढ़–जैन कनेक्ट संवाददाता | चित्तौड़गढ़ के खातर महल में रविवार को अध्यात्म और भक्ति से सराबोर एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। श्रमण संघीय साध्वी डॉ. श्री संयमलता के पावन सान्निध्य में श्री वधर्मान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान द्वारा आयोजित इस महामंगलकारी अनुष्ठान में करीब 1 हजार श्रावक-श्राविकाओं ने पैसठिया छंद का जाप कर 24 तीर्थंकरों की स्तुति की। आयोजन में समाज, देश और विश्व शांति की मंगलकामना के स्वर गूंजे।

🧘‍♀️ भक्ति भाव से हुआ पैसठिया छंद जाप करीब 1000 श्रद्धालुओं ने एक स्वर में पैसठिया छंद का जाप कर सभी 24 तीर्थंकरों को नमन किया, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।

🌍 विश्व शांति के लिए की गई प्रार्थना श्रद्धालुओं ने संघ, समाज, देश और सम्पूर्ण विश्व की सुख-शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की।

🗣️ साध्वी संयमलता का प्रेरणादायक प्रवचन गुरुदेव ने सुख की परिभाषा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भौतिक सुख क्षणिक हैं, जबकि आध्यात्मिक सुख शाश्वत होता है।

🚶‍♂️ अहिंसा रैली से गूंजा नगर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने संगम मार्ग से गांधी चौक होते हुए खातर महल तक निकाली गई अहिंसा रैली में भाग लिया। रास्ते भर जयकारों की गूंज रही।

🙏 प्रारंभ में हुआ स्वागत व नवकारसी रतनलाल, लोकेश व मनीष डांगी के निवास पर अलसुबह नवकारसी और प्रार्थना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

🎤 सभा का प्रभावी संचालन संरक्षक मनसुख पटवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि अध्यक्ष किरण डांगी ने स्वागत उद्बोधन दिया।

🎁 लक्की ड्रा में 15 विजेताओं को उपहार जाप में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को कूपन वितरित किए गए, जिनमें से 15 भाग्यशाली विजेताओं को पुरस्कार मिले।

🍛 गौतम प्रसादी के लाभार्थी रहे डांगी परिवार इस पुण्य आयोजन में गौतम प्रसादी का सौभाग्य रतनलाल डांगी परिवार को प्राप्त हुआ।

📅 प्रवचन का अगला चरण शांति भवन में सेंती संघ अध्यक्ष लक्ष्मीलाल चंडालिया ने बताया कि साध्वी श्री संयमलता आदि का अगला प्रवचन सोमवार को शांति भवन सेंती में होगा।

🤝 संपूर्ण आयोजन में समाज की सक्रिय भागीदारी पूरे आयोजन में जैन समाज के विभिन्न संगठनों और श्रद्धालुओं की उत्साही भागीदारी ने आयोजन को भव्य और सफल बनाया।

इस धार्मिक आयोजन ने न केवल श्रद्धालुओं को तीर्थंकरों की भक्ति में लीन किया, बल्कि आत्मिक शुद्धि और सामाजिक एकता का संदेश भी दिया। साध्वी श्री संयमलता के प्रवचनों ने भक्तों के मन में शाश्वत सुख की खोज के बीज बो दिए।

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