
मंडीदीप–जैन कनेक्ट संवाददाता | मंडीदीप स्थित औद्योगिक क्षेत्र के श्री नेमीनाथ दिगंबर जैन मंदिर में सोमवार को मंदिर स्थापना की द्वितीय वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शांतिनाथ भगवान का त्रय कल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक भगवान का अभिषेक, पूजन और निर्वाण लड्डू समर्पित कर धर्मलाभ प्राप्त किया।
🔱 त्रय कल्याणक महोत्सव का आयोजन भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक को त्रय कल्याणक महोत्सव के रूप में मनाया गया।
💧 अभिषेक और पूजन विधिपूर्वक संपन्न श्रद्धालुओं ने प्रासुक जल से भगवान का अभिषेक कर पवित्र वातावरण में विशेष पूजन किया।
🍬 निर्वाण लड्डू समर्पण पूजन के उपरांत भगवान को निर्वाण लड्डू अर्पित कर मोक्ष कल्याणक दिवस को आत्मिक उल्लास से मनाया गया।
🧘♂️ धर्मसभा में मुनिश्री का प्रेरक संबोधन मुनि विश्रांत सागर ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए आत्मा, साधना और अंतर्मुखी दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।
🌬️ सूक्ष्म तत्वों की उपस्थिति पर व्याख्यान उन्होंने कहा कि जैसे सुगंध और आत्मा दिखती नहीं, पर उनका अस्तित्व होता है, वैसे ही सत्यता गहराई में होती है।
🧠 विचारों की पवित्रता पर बल मुनि श्री ने कहा कि विचारों की शुद्धता से ही मनुष्य महान बनता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाता है।
👁️ दृष्टिकोण बदलो, सृष्टि बदलेगी श्रद्धालुओं को उपदेश देते हुए उन्होंने कहा — जैसी दृष्टि होगी, वैसी ही सृष्टि दिखाई देगी।
💬 गुणग्राही बनने की सलाह मुनिश्री ने लोगों से आग्रह किया कि हमेशा अच्छाइयों को देखें और नकारात्मकता से दूरी बनाए रखें।
🏛️ स्थापना दिवस की द्वितीय वर्षगांठ मंदिर कमेटी के अनुसार यह आयोजन मंदिर स्थापना व पंचकल्याणक के दो वर्ष पूर्ण होने पर किया गया।
🕊️ तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम आचार्य विरागसागर महाराज के शिष्य मुनि विश्रांत सागर के सान्निध्य में यह आयोजन तीन दिवसीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
मंडीदीप जैन समाज द्वारा आयोजित इस धार्मिक महोत्सव में श्रद्धालुओं ने भक्ति, ध्यान और आत्मचिंतन के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया। मुनिश्री के विचारों ने सभी को आत्मा की ओर उन्मुख होने की प्रेरणा दी।
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