
डूंगरपुर – जैन कनेक्ट संवाददाता | राजस्थान के डूंगरपुर जिले के आसपुर स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से चोरी हुए स्वर्ण शिखर कलश की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। मंदिर से 15 तोला सोने की परत वाला यह पवित्र कलश चोरी हो गया था, जिसे लेकर जैन समाज में भारी रोष और चिंता का माहौल था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर कलश बरामद कर लिया है।
मंदिर अध्यक्ष लक्ष्मीचंद जैन की रिपोर्ट के बाद बनाई गई विशेष टीम ने तकनीकी और स्थानीय सूचना तंत्र की मदद से इस चोरी का पर्दाफाश किया। पुलिस के अनुसार, यह संगठित अपराध था और इसका मास्टरमाइंड पहले से ही मंदिरों की रेकी कर चुका था।
🔍 6 मई को दर्ज हुई चोरी की रिपोर्ट आसपुर थानाधिकारी को मंदिर अध्यक्ष ने रिपोर्ट दी कि मंदिर शिखर का सोने का कलश गायब है।
🏛️ 15 तोला सोने से जड़ा था कलश कलश पर लगभग 15 तोला सोने की परत थी, जो शिखर पर स्थापित थी।
🚨 विशेष पुलिस टीम का गठन जांच के लिए तुरंत एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें तकनीकी और खुफिया दोनों स्तर की जांच की गई।
🕵️♂️ गैंग का पर्दाफाश पुलिस जांच में सामने आया कि यह चोरी एक संगठित गैंग द्वारा की गई है।
👮♂️ तीन आरोपी गिरफ्तार राज वागरी, अजय उर्फ संतोष वागरी और राहुल वागरी को गिरफ्तार किया गया है।
🛍️ पाली जिले में बेचने की कोशिश आरोपियों ने बताया कि उन्होंने कलश को पाली के सांडेराव में व्यापारियों को बेचने की कोशिश की।
🧠 गैंग का मास्टरमाइंड अरुण वागरी अरुण वागरी को मंदिरों के सोने की जानकारी थी और उसी ने चोरी की योजना बनाई।
🗺️ मंदिरों की पहले की गई रेकी आरोपियों ने आसपुर सहित अन्य मंदिरों की पहले से रेकी की थी।
🧗♂️ सीढ़ियों से मंदिर शिखर तक पहुंच मंदिर के शिखर तक सीढ़ियां लगी होने से चोरी बेहद आसानी से की गई।
❓ अन्य मंदिरों की चोरियों में भी जांच अब पुलिस इस गैंग से अन्य मंदिरों में हुई चोरियों के बारे में पूछताछ कर रही है।
इस सफलता के बाद जैन समाज में राहत की सांस ली गई है। पुलिस की तत्परता और टीम वर्क से यह मामला सुलझ सका, हालांकि मुख्य आरोपी अरुण वागरी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। प्रशासन से उम्मीद जताई जा रही है कि वह भी जल्द पकड़ा जाएगा।
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