करौली–जैन कनेक्ट संवाददाता | उत्तर भारत के प्रमुख जैन तीर्थ श्री महावीर जी में भगवान महावीर स्वामी के 2624वें जन्म कल्याणक महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के साथ चल रहा है। 7 अप्रैल से प्रारंभ हुए लक्खी मेले में धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम है। 13 अप्रैल को भगवान महावीर की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी विशेष अतिथि के रूप में भाग लेंगी।
🚩 उपमुख्यमंत्री करेंगी रथ यात्रा का शुभारंभ दीया कुमारी जैन ध्वज दिखाकर भगवान महावीर की रथ यात्रा को रवाना करेंगी, जिससे आयोजन को गरिमा और उत्साह की नई ऊंचाई मिलेगी।
🎉 भव्य रथ यात्रा का आयोजन यह रथ यात्रा मुख्य मंदिर से शुरू होकर नदी तट तक बैंड-बाजों के साथ निकलेगी, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।
🌊 गंभीर नदी के जल से कलशाभिषेक गंभीर नदी से लाए गए जल से भगवान महावीर की प्रतिमा का पंचामृत कलशाभिषेक किया जाएगा, जो भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
🪔 नित्य पूजन और शास्त्र प्रवचन प्रतिदिन सामूहिक पूजन, आरती और शास्त्र प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालु आत्मिक शांति और ज्ञान की अनुभूति कर रहे हैं।
🎶 विशेष संगीतमय पूजा का आयोजन 12 अप्रैल को श्री वीर संगीत मंडल, जयपुर के सहयोग से विशेष संगीतमय पूजा का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति में लीन होकर भाग लिया।
👨💼 प्रशासनिक अधिकारियों का निरीक्षण उप जिला कलेक्टर हेमराज गुर्जर और प्रबंध कार्यकारिणी कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल ने मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
📖 भक्ति और संस्कृति का समन्वय महोत्सव में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ सांस्कृतिक आयोजनों की भी भरपूर झलक देखने को मिल रही है, जो हर आयु वर्ग के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
📜 राष्ट्रीय कवि सम्मेलन से होगी कविताओं की गूंज शनिवार रात 8:30 बजे राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के ख्यातिप्राप्त कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।
🐎 13 अप्रैल को घुड़दौड़ और ऊंट दौड़ परंपरा के अनुसार, मेले की शोभा बढ़ाने के लिए घुड़दौड़ और ऊंट दौड़ का आयोजन भी किया जाएगा, जो विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा।
🏅 14 अप्रैल को कुश्ती दंगल और ग्रामीण खेल मेला 14 अप्रैल को कुश्ती दंगल और पारंपरिक ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिताओं के साथ संपन्न होगा।
यह भव्य महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना का सजीव उदाहरण बनकर उभरा है। लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेकर धर्म, परंपरा और एकता का संदेश प्रसारित कर रहे हैं।
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