
अयोध्या – जैन कनेक्ट संवाददाता | जैन धर्म की आस्था और परंपरा का प्रतीक रत्नपुरी तीर्थ मंगलवार को भक्ति, श्रद्धा और उल्लास से सराबोर हो गया। भगवान धर्मनाथ की प्रतिमा की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हीरक जयंती महोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अयोध्या से 28 किलोमीटर दूर स्थित रत्नपुरी तीर्थ, जहां 15वें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ का जन्म हुआ था, वहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
🎉 हीरक जयंती का पावन आयोजन भगवान धर्मनाथ की प्रतिमा स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भव्य हीरक जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया।
🙏 गणिनी प्रमुख ज्ञानमती की प्रेरणा से उत्सव इस आयोजन की प्रेरणा जैन धर्म की वरिष्ठ साध्वी गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने दी, जो स्वयं भी प्रतिमा स्थापना के समय उपस्थित थीं।
🪔 धार्मिक विधानों के साथ पूजन भगवान धर्मनाथ का पंचामृत अभिषेक किया गया, जिसमें जल, दूध, दही, केशर, नारियल रस, इक्षुरस और सर्वोषधियों का उपयोग हुआ।
🍎 75 अर्घ्य थालों से विशेष पूजन हीरक जयंती के प्रतीक रूप में श्रद्धालुओं ने 75 फलों से भरे अर्घ्य थाल भगवान को अर्पित किए।
🧘♀️ गणिनी प्रमुख का आत्मीय संबोधन ज्ञानमती माताजी ने भक्तों को संबोधित करते हुए धर्मनाथ भगवान की महिमा और रत्नपुरी तीर्थ के आध्यात्मिक महत्व को साझा किया।
📿 16 वर्ष की उम्र में देखी थी स्थापना गणिनी प्रमुख ने भावुक होकर बताया कि 1950 में जब प्रतिमा स्थापित हुई थी, तब वे मात्र 16 वर्ष की थीं और अपने माता-पिता संग वहां उपस्थित थीं।
🕌 पीठाधीश का पावन मार्गदर्शन पीठाधीश रवींद्र कीर्ति स्वामी ने पूजन विधानों का संचालन किया और उपस्थित श्रद्धालुओं को पुण्य लाभ का संदेश दिया।
👨👩👧👦 सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति देशभर से आए भक्तों ने समारोह में भाग लिया और धर्मनाथ भगवान की भक्ति में लीन होकर पुण्य अर्जित किया।
📜 समिति पदाधिकारियों की सक्रिय भूमिका डॉ. जीवन प्रकाश जैन, परमेंंद्र जैन, निधेश जैन और राजू जैन समेत अन्य पदाधिकारियों ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।
🌸 आस्था, इतिहास और उत्साह का संगम इस आयोजन ने श्रद्धालुओं को न केवल आध्यात्मिक शांति दी, बल्कि जैन इतिहास की गौरवपूर्ण झलक भी प्रस्तुत की।
75 वर्षों पूर्व स्थापित भगवान धर्मनाथ की प्रतिमा के इस महोत्सव ने रत्नपुरी तीर्थ को एक बार फिर जैन श्रद्धा के केंद्र में ला खड़ा किया। भक्तों की उपस्थिति, साध्वी के आशीर्वचन और पूजा की भव्यता ने इसे एक अविस्मरणीय धार्मिक आयोजन बना दिया।
Leave a Reply