
चिचोंडी- जैन कनेक्ट संवाददाता | चिचोंडी स्थित आनंदतीर्थ की पावन धरती पर राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्रद्धेय गुरुदेव श्री आनंदऋषिजी म.सा. की जन्मभूमि में 415 से अधिक वर्षीतप तपस्वियों का शाही पारणा महोत्सव अपार श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। 7500 से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हुए इस महोत्सव में अनुमोदना के स्वर चारों दिशाओं में गूंज उठे। उपाध्याय भगवंत श्री प्रवीण ऋषिजी म.सा. की प्रेरणा से प्रारंभ यह परंपरा आज एक विराट धार्मिक पर्व बन चुकी है।
🔹 धार्मिक स्थल पर अपार श्रद्धा 🙏 राष्ट्रसंत गुरुदेव श्री आनंदऋषिजी म.सा. की जन्मभूमि चिचोंडी में हुआ भव्य आयोजन, जिसमें 7500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
🔹 उपाध्याय भगवंत की पावन प्रेरणा 😷 अर्हम् विज्जा प्रणेता पूज्य श्री प्रवीण ऋषिजी म.सा. की प्रेरणा से 2013 में यह महोत्सव प्रारंभ हुआ था।
🔹 27 गुरुभगवंतों की पावन उपस्थिति 🌟 इस वर्ष के पारणा महोत्सव में कुल 27 गुरुभगवंतों की पावन उपस्थिति से वातावरण मंगलमय हुआ।
🔹 भगवान ऋषभदेव के जीवन का वर्णन 📖 उपाध्याय भगवंत ने भगवान ऋषभदेव के ऐतिहासिक योगदान और आदर्श जीवन चरित्र का भावपूर्ण वर्णन किया।
🔹 मुथा परिवार का आत्मीय सम्मान 🍽️ वर्षीतप पारणा महोत्सव के लाभार्थी मुथा परिवार का गुरु आनंद फाउंडेशन की ओर से भावभीना अभिनंदन किया गया।
🔹 दानदाताओं का विशेष सम्मान 🎁 आनंदतीर्थ निर्माण में सहयोग देने वाले सभी दानदाताओं का सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की गई।
🔹 कार्यकर्ताओं की निष्ठा का अभिनंदन 💪 पंचक्रोशी के 100 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं की मेहनत और आस्था को सराहा गया।
🔹 देशभर से श्रद्धालुओं की सहभागिता 🚂 चेन्नई, बैंगलोर, जयपुर, जोधपुर, हैदराबाद जैसे कई शहरों से श्रद्धालु तप और श्रद्धा के साथ पहुंचे।
🔹 उत्तम आयोजन व्यवस्था 🎤 नम्रता केटर्स, साउंड व मंडप व्यवस्था सहित सभी सेवकों ने भक्ति भाव से सहयोग किया।
🔹 सभी सहयोगियों का हृदय से सम्मान महोत्सव को आनंदोत्सव में परिवर्तित करने वाले हर सहयोगी को हृदयपूर्वक अभिनंदन प्रेषित किया गया।
इस महोत्सव ने धार्मिकता, तप, श्रद्धा और सामाजिक सहभागिता का अनुपम संगम प्रस्तुत किया। आनंदतीर्थ की पावन धरा पर यह उत्सव आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनकर गूंजता रहेगा।
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