
भांडवपुर–जैन कनेक्ट संवाददाता | भांडवपुर जैन तीर्थ में श्रद्धा, तप और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला जब गौतमचंद संकलेचा व पुष्पादेवी संकलेचा ने वर्षभर के कठिन तपस्या उपरांत वर्षीतप का पारणा किया। यह आयोजन जैनाचार्य जयरत्न सूरीश्वर महाराज, मुनि मंडल और साध्वी अरुणप्रभाश्रीजी आदि श्रमण-श्रमणि वृंद की निश्रा में संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर पूजा, आरती, प्रवचन और रथ यात्रा जैसी विविध धार्मिक गतिविधियां सम्पन्न हुईं।
📿 वर्षीतप पारणा का पुण्य अवसर गौतमचंद संकलेचा व पुष्पादेवी संकलेचा ने कठोर तपस्या के बाद वर्षीतप का पारणा किया, जिससे समाज में तप के प्रति श्रद्धा और प्रेरणा का संचार हुआ।
🕉 पूजन और आरती से आरंभ हुआ आयोजन सुबह मूलनायक सहित सभी मंदिरों में भक्तों ने विधिपूर्वक पूजा, पक्षाल और आरती कर धार्मिक वातावरण को गरिमामय बनाया।
🌸 अष्टप्रकारी पूजा और इक्षु रस से पक्षाल सुआदेवी मानमल छत्रियावोरा ने इक्षु रस से श्रीआदिनाथ प्रभु व श्रेयांश कुमार का पक्षाल कर अष्टप्रकारी पूजा की।
🎺 रथ यात्रा में उमड़ा जनसैलाब तपस्वी रथ में सवार होकर तपस्वियों को गाजे-बाजे के साथ राज चंदन मंजु वाटिका तक ले जाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने उत्साह से स्वागत किया।
📖 जैनाचार्य का प्रवचन और मांगलिक जैनाचार्य जयरत्न सूरीश्वर महाराज ने तप की महत्ता बताते हुए प्रेरणादायक प्रवचन दिए और मांगलिक श्रवण करवाई।
📜 नवनियुक्त सदस्यों की घोषणा भांडवपुर तीर्थ ट्रस्ट के नए सदस्यों की पहली सूची की घोषणा की गई, बाकी नाम आगामी दिनों में घोषित होंगे।
🧒 5 जून को बाल मुमुक्षु की भागवती दीक्षा आगामी 5 जून को बाल मुमुक्षु आदित्य कुमार की भागवती दीक्षा भांडवपुर तीर्थ में विधिवत रूप से संपन्न होगी।
🪔 शांतिविजयजी महाराज की पुण्यतिथि इसी दिन तप मंदिर का शिलान्यास और शांतिविजयजी महाराज की वार्षिक पुण्यतिथि का आयोजन भी किया जाएगा।
🙏 डामराणी परिवार का विशेष लाभ मेंगलवा निवासी गीतादेवी कांतिलाल डामराणी परिवार ने पंचाहिका महोत्सव का संपूर्ण लाभ लेकर समाज में सेवा की मिसाल पेश की।
🏅 पारणा आयोजकों का बहुमान भंवरलाल हरकचंद संकलेचा चमनाजी परिवार द्वारा पारणा आयोजन का लाभ लिया गया, जिन्हें ट्रस्ट मंडल द्वारा बहुमानित किया गया।
इस महोत्सव ने जैन समाज की तप, त्याग और परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। भावी दीक्षा, तप मंदिर का शिलान्यास और पुण्योत्सव जैसे कार्यक्रम समाज में अध्यात्मिक ऊर्जा और समर्पण की भावना को और अधिक गहरा कर रहे हैं।
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