अजमेर में हुआ विश्व की सबसे बड़ी जैन प्रतिमाओं का वेदी संस्कार

अजमेर-जैन कनेक्ट संवाददाता | जिनशासन तीर्थ क्षेत्र नाका मदार, अजमेर में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमाओं का भव्य वेदी संस्कार विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ। भक्तिभाव और धर्मोत्सव से सराबोर वातावरण में घटयात्रा, वेदी संस्कार, वस्त्रसंस्कार, तपकल्याणक और भव्य शोभायात्राएं निकाली गईं। श्रद्धालु भावविभोर होकर धर्मोत्सव में लीन दिखे।

🌄 सूर्योदय से पहले अभिषेक और शांतिधारा सुबह 5:45 बजे मुख्य जिनालय में अभिषेक एवं शांतिधारा से दिन का शुभारंभ हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

🪷 नित्य महापूजन और जन्मकल्याणक पूजा विशेष महापूजन, जन्मकल्याणक और विशेष हवन के आयोजन से वातावरण में धार्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।

👭 महिलाओं की घटयात्रा सुबह 9:15 बजे महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर पारंपरिक वेशभूषा में घटयात्रा निकाली, जो श्रद्धा का प्रतीक बनी।

🏛️ नव निर्मित वेदियों का शुद्धिकरण और संस्कार जिनालय में निर्मित नई वेदियों का विधिपूर्वक शुद्धिकरण कर वेदी संस्कार किए गए।

👘 मूर्तियों का पारंपरिक वस्त्रसंस्कार महीन रेशमी वस्त्रों से मूर्तियों का वस्त्रसंस्कार किया गया। प्रत्येक वस्त्र शास्त्रीय रंग और शैली में चुना गया।

🧘 तपकल्याणक पर आचार्य वसुनंदी का प्रवचन आचार्यश्री ने तपस्या के महत्व को रेखांकित करते हुए संयम और आत्मशुद्धि को मोक्ष का मार्ग बताया।

👑 राज्यसभा और दीक्षा प्रसंग का मंचन भगवान ऋषभदेव के जीवन प्रसंगों को जीवंत मंचन द्वारा दर्शाया गया—राज्याभिषेक, कृषि विकास, नीलांजना का नृत्य और वैराग्य प्रसंग दर्शकों को भावविभोर कर गया।

🐘 दिग्विजय यात्रा में हुआ पुष्पवर्षा से स्वागत केसरगंज जैसवाल जैन मंदिर से चक्रवर्ती शांतिनाथ की दिग्विजय यात्रा निकली, जिसका मार्गभर पुष्पवर्षा से स्वागत हुआ।

💃 परंपरागत झांकियां और नृत्य प्रस्तुतियां रथ, झांकियां, अश्व सवारी, नृत्य मंडलियों और इंद्र-कुबेर की झलकियां देखने लायक रहीं।

📖 विश्व की सबसे बड़ी जैन पुस्तक का होगा विमोचन 24 अप्रैल को “खवगरायसिरोमणि” पुस्तक का विमोचन होगा, जो 36×24 फीट की है और 1500 वर्गफीट फ्लेक्स में बनी है।

अंत में, धार्मिक चेतना, समाज की एकता और आस्था की महिमा से ओतप्रोत इस आयोजन ने जैन धर्म की संस्कृति, परंपरा और संयम की विरासत को उजागर किया। बुधवार को जैनेश्वरी दीक्षा तथा विशाल धर्मध्वजा का आरोहण इस अध्यात्म महाकुंभ का अगला गौरवमयी अध्याय होगा।

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