केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से जैन समाज की मुलाक़ात

मुंबई–जैन कनेक्ट संवाददाता | मुंबई में मंगलवार को जैन समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाक़ात की और विले पार्ले स्थित 90 वर्ष पुराने दिगंबर जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण को लेकर गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने देशभर में जैन समाज की आस्था से जुड़े स्थलों एवं संतों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता जाहिर की और इनके समाधान की मांग रखी।

🔨 विले पार्ले मंदिर का अवैध ध्वस्तीकरण AIJMF ने विले पार्ले स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के विधि विरुद्ध ध्वस्तीकरण पर आपत्ति जताई और बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन व जांच की मांग की।

🛕 मंदिर पुनर्निर्माण की मांग प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से मंदिर को बीएमसी द्वारा पुनर्निर्मित करवाने की भी मांग रखी।

🧘 जैन साधुओं पर हमले की निंदा मध्यप्रदेश के नीमच में जैन मुनियों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी सजा की मांग की गई।

🕵️ हमलों की उच्चस्तरीय जांच की मांग प्रतिनिधिमंडल ने जैन मुनियों पर हमले के पीछे की मंशा जानने के लिए विस्तृत जांच कराने का आग्रह किया।

🚶 पैदल यात्रारत मुनियों की सुरक्षा जैन मुनियों की यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रदान करने और उनके लिए विश्रामस्थल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

🏔️ तीर्थ स्थलों से अतिक्रमण हटाने की अपील सम्मेद शिखरजी, शत्रुंजय, गिरनार और अन्य तीर्थों से अतिक्रमण हटाने और धार्मिक वातावरण सुरक्षित रखने की मांग की गई।

📸 पर्यटन सुविधा के नाम पर धर्मस्थलों का व्यावसायीकरण प्रतिनिधिमंडल ने तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में व्यावसायिक रूप से विकसित करने के प्रयासों पर नाराज़गी जताई।

🛑 धार्मिक भावना आहत करने वाले कार्यों पर रोक कानून के तहत ऐसे किसी भी कार्य को रोकने की अपील की गई जो जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हों।

📢 जैन समुदाय के मुद्दों की राष्ट्रीय स्तर पर सुनवाई AIJMF ने मांग की कि जैन समाज से जुड़े मुद्दों को राष्ट्रीय मंच पर प्राथमिकता से उठाया जाए।

🤝 मंत्री ने दिया समाधान का आश्वासन केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे सभी मुद्दों पर संज्ञान लेंगे और उचित कदम उठाएंगे।

इस मुलाक़ात में जैन समुदाय ने एकजुट होकर अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक आस्थाओं से जुड़े मसलों को गंभीरता से रखा। केंद्रीय मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन ने प्रतिनिधिमंडल को आशा की किरण प्रदान की है कि उनके मुद्दों पर अब केंद्र स्तर से कार्रवाई होगी।

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